बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, ‘दोषी हो तब भी नहीं टूटेगी बिल्डिंग….’

Bulldozer Action: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन मामले पर केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। सोमवार को सर्वोच्च अदालत ने ये साफ कर दिया है कि अगर कोई व्यक्ति दोषी साबित हो जाए, तो भी इमारत ढहाई नहीं जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में बुलडोजर मामलों (Bulldozer Action) की सुनवाई आज शुरू हो गई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? जस्टिस विश्वनाथन और जस्टिस बीआर गवई की बेंच ने कहा, “अगर कोई दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।” सुप्रीम कोर्ट जमीयत-उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुनवाई कर रही है। इसमें आरोप लगाया गया है कि BJP शासित राज्यों में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है और बुलडोजर एक्शन लिया जा रहा है। अब इस केस की सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर उठाए सवाल

मध्य प्रदेश के मोहम्मद हुसैन और राजस्थान के राशिद खान की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी। इसपर जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच सुनवाई कर रही थी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अदालत ने कहा, ‘कोई आरोपी है, सिर्फ इसलिए एक घर को कैसे गिराया जा सकता है? अगर वह दोषी है, तो भी इसे नहीं गिराया जा सकता…।’ अदालत इस मामले पर अगले सोमवार को आगे की सुनवाई करेगा।

सोमवार को कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि वे सड़कों या अन्य सार्वजनिक जगहों पर अवैध निर्माणों का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन संपत्ति को गिराए जाने की प्रक्रिया कानून के हिसाब से होनी चाहिए। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि किसी भी संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं ढहाया जाता, क्योंकि वह किसी आपराधिक केस में शामिल या दोषी से जुड़ी है। उन्होंने कहा कि ऐसा तब ही होता है, जब ढांचा गैर कानूनी हो।

Back to top button