विश्वकीर्तिमान में दर्ज हुआ डॉ. समीर त्रिपाठी का सम्पूर्ण रामचरित मानस (अर्थ सहित) गायन
21 को इंदिरागांधी प्रतिष्ठान में होगा यूट्यूब अध्यात्म चैनल का शुभारंभ
लखनऊ। प्रतिभा किसी भी उम्र की मोहताज नही होती, यह साबित किया है मेधज टेक्नोकांसेप्ट प्रा.लि. के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक डॉ. समीर त्रिपाठी ने।
51 वर्ष की उम्र में कोरोना काल को ‘आपदा में अवसर’ में बदलते हुए डॉ. समीर त्रिपाठी ने अपने पिता स्व. शिवदत्त त्रिपाठी द्वारा लिखित गीता वाणी नामक पुस्तक से प्रेरित होकर भगवतगीता, शिवस्त्रोत, नारद उवाच आदि मन्त्रों को अपनी सुरीली आवाज में पिरोया है।
इस बीच उन्हें सम्पूर्ण रामचरितमानस (अर्थसहित) को अपनी आवाज़ में गाने की स्वप्रेरणा मिली और अपने इस संकल्प को पूराकर डॉ. समीर त्रिपाठी ने विश्व कीर्तिमान में अपना नाम दर्ज किया है।
डॉ. समीर त्रिपाठी ने बताया कि इस ऐतिहासिक व आध्यात्मिक उपलब्धि को इंडिया रिकार्डस व हाई रेंज वार्ड रिकॉर्ड ने अपना प्रमाण पत्र प्रदान भी कर दिया है। अन्य कंपनियों के प्रतिनिधियों से भी संस्तुति मिल चुकी है ।
उन्होंने बताया भारतीय समाज जिस पश्चिमी सभ्यता का अन्धानुकरण करता है वही सभ्यता शांति की खोज में भारत भूमि का वरण करती है।
वह कहते है कि सम्पूर्ण समाज को सही मार्गदर्शन देने वाला हमारा ग्रन्थ रामायण अभी तक अर्थ सहित स्वर लहरियों में नहीं पिरोया गया है।
इसलिए मुझे यह स्व-प्रेरणा मिली कि सम्पूर्ण रामचरितमानस को अर्थ सहित गाकर समाज को एक नई दिशा प्रदान की जा सकती है जिससे हमारी जो युवा पीढ़ी अपने संस्कारों व अनमोल ग्रंथों से दूर होती जा रही है उसका कुछ मार्गदर्शन किया जा सके। आध्यात्म के प्रति प्रेम उन्हें अपने पिता से विरासत में मिला है।
व्यापार की जिम्मेदारियों को निभाते हुए स्वयं का स्टूडियो बनाकर डॉ. समीर त्रिपाठी ने आध्यात्म व भगवत भजन की अपनी एक अलग संगीतमय दुनिया बनाई है जिसमे उनके संगीतकार सहयोगी बराबर उनका साथ देते है।
इसी सहयोग के चलते 21 अप्रैल रामनवमी के पावन पर्व पर वह अपने अध्यात्म यू ट्यूब चैनल का शुभारम्भ भी करने जा रहे है।
उस दिन इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में साधु संतों की अगुआई में इस समारोह में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।