370 की बहाली हमारी प्रतिबद्धता, कांग्रेस की राजनीति दोयम दर्जे की: उमर अब्दुल्ला

भद्रवाह (जम्मू-कश्मीर)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव की तैयारी करना या चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
हमारे (विधानसभा) चुनाव पहले ही लंबे समय से देरी से चल रहे हैं, क्योंकि पिछला चुनाव 2014 में हुआ था, और सात साल पहले ही बीत चुके हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जनता को संबोधित करते हुए झूठे वादों के आधार पर जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के लिए भाजपा की कड़ी आलोचना की।
पूर्व मुख्यमंत्री बुधवार को चिनाब घाटी के अपने आठ दिवसीय दौरे के दौरान डाक बंगला भद्रवाह में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान श्रीनगर से 40 बंकर हटा दिए गए थे, जिन्हें भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने फिर से स्थापित किया था।
उन्होंने कहा एक तरफ सरकार ने दावा किया कि अनुच्छेद 370 और 35ए के हटने के बाद विकास का नया युग आएगा लेकिन विकास कहीं नजर नहीं आ रहा है।
उल्टा बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। युवाओं से रोजगार के अवसर छीन लिए गए हैं। भाजपा सरकार ने जो वादे 5 अगस्त 2019 के फैसले के मद्देनजर किए थे, वे सारे झूठे साबित हुए हैं।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर की भावी पीढ़ियों के साथ अनुच्छेद 370 को जोड़ते हुए कहा कि इसके निरस्त होने के ढाई साल बाद मैं यह पूछने के लिए मजबूर हूं कि जम्मू कश्मीर में क्या सुधार हुआ है?
नौकरियों और उद्योगों की स्थापना का क्या हुआ है? कितने नए विश्वविद्यालय और डिग्री कॉलेज स्थापित किए गए हैं? और क्या जम्मू-कश्मीर में बिजली परिदृश्य में कोई सुधार हुआ है? इसके विपरीत, हमारे शुरू किए गए कार्य ठप हो गए हैं।
उन्होंने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का नाम लिए बिना उनकी आलोचना करते हुए कहा कि कांग्रेस अनुच्छेद 370 पर दोयम दर्जे का खेल खेल रही है
लेकिन अनुच्छेद 370 पर नेकां का रुख स्पष्ट है, हम अंतिम सांस तक अपना विशेष दर्जा वापस पाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उमर ने कहा कि उनकी पार्टी ने कभी जनता को भड़काने में विश्वास नहीं किया।
