भारत के हाथ लगा 30 अरब डॉलर का JACKPOT, जेपी मॉर्गन इंडेक्‍स में शामिल होंगे भारत के सरकारी बॉन्‍ड

अमेरिकन फाइनेंसर और इन्वेस्टमेंट बैंकर जेपी मॉर्गन (JP Morgan) ने भारत के सरकारी बॉन्ड को अपने बेंचमार्क इमर्जिंग-मार्केट इंडेक्स में शामिल करने का फैसला किया है। करीब दो साल तक भारत को वॉचलिस्ट में रखने के बाद फाइनेंशियल सर्विसेज फर्म ने यह फैसला किया है।

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया प्लेटफार्म

भारत सरकार के बॉन्ड्स को 28 जून 2024 से गवर्मेंट बॉन्ड इंडेक्स-इमर्जिंग मार्केट में शामिल किया जाएगा। इससे देश के डेट मार्केट में अरबों डॉलर का विदेशी निवेश बढ़ सकता है।

जेपी मॉर्गन ने बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी। बयान के मुताबिक, ‘भारतीय बॉन्ड्स को 28 जून 2024 से गवर्नमेंट बॉन्ड इंडेक्स- इमर्जिंग मार्केट्स (GBI-EM) में शामिल किया जाएगा। इंडेक्स में भारतीय बॉन्ड्स का वेटेज 10% होगा।

जेपी मॉर्गन ने कहा कि 330 बिलियन डॉलर (27.36 लाख करोड़) के 23 भारतीय गवनर्मेंट बॉन्ड (IGB) इंडेक्स में शामिल किए जाने के योग्य हैं।

भारत के FAR प्रोग्राम के बाद जेपी मॉर्गन का ग्रीन सिग्नल

इंडेक्‍स रिसर्च की ग्‍लोबल हेड ग्‍लोरिया किम की टीम ने एक बयान में कहा, ‘भारत सरकार ने 2020 में FAR यानी फुली एक्सेसिबल रूट प्रोग्राम शुरू किया था और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में सहायता के लिए पर्याप्त मार्केट रिफॉर्म किए। इसके बाद जेपी मॉर्गन ने इंडियन बॉन्ड्स को इंडेक्स में शामिल करने का फैसला लिया है।’ टीम के मुताबिक सर्वे में शामिल लगभग तीन-चौथाई बेंचमार्क निवेशक, भारत को इंडेक्‍स में शामिल करने के पक्ष में थे।

लगभग 30 बिलियन डॉलर का हो सकता है इनफ्लो

HSBC Holdings के मुताबिक, प्रमुख ग्‍लोबल इंडेक्‍स में भारत के शामिल होने से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था तक निवेशकों की पहुंच बढ़ेगी। इससे भारत में 30 बिलियन डॉलर (2.48 लाख करोड़) तक का इनफ्लो बढ़ सकता है।

क्या होते है सरकारी ब्रांड?

कंपनियों और सरकार को अपना काम करने के लिए पैसों की ज़रूरत होती है। ऐसे में बॉन्ड जारी किए जाते हैं। वे बॉन्ड के जरिए कर्ज लेती हैं। बॉन्ड से जुटाया गया पैसा लोन की कैटेगिरी में आता है।

Back to top button