GST: लखनऊ में जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी बैठक, छोटे व्यापारियों को 10 लाख का बीमा लाभ

उत्तर प्रदेश जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी की आज चौथी बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे प्रधान मुख्य आयुक्त केन्द्रीय वस्तुएवंसेवा कर प्रमोद कुमार व आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस ने उत्तर प्रदेश के विशेषकर छोटे व्यापारियों से जीएसटी में पंजीयन कराकर 10 लाख रूपये की मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना का लाभ लेने अपील की। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में अब पंजीकृत व्यापारियों की संख्या बढ़कर 13 लाख हो चुकी है।

उत्तर प्रदेश जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी बैठक

जीएसटी ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका ने बैठक के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि व्यापारियों के हित में प्रदेश में मुख्यमंत्री व्यापारी दुर्घटना बीमा योजना चल रही है। जीएसटी में पंजीकृत व्यापारी की अगर किसी दुर्घटना में मौत होती है तो आश्रित को 10 लाख रुपये दिये जाते हैं। आश्रित में पत्नी है तो उन्हें या बच्चे हैं तो संयुक्त रूप से सभी को बराबर राशि प्रदान की जाती है।
पहले बीमा कंपनियों की देखरेख में यह योजना संचालित होती थी जिसके कारण व्यापारियों को लाभ मिलने में देरी होती थी। अब सरकार खुद ही क्लेम का भुगतान सीधे कर रही है। अतः विशेष रूप से छोटे व्यापारियों को अधिक से अधिक संख्या में जीएसटी में पंजीयन कराकर बिना किसी अतिरिक्त शुल्क वाली इस सुविधा का लाभ उठाना चाहिए।

ग्रीवांस रिड्रेसल कमेटी के सदस्य मनीष खेमका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के कारण व्यापारियों को मिल रहे 5-10 रूपयों जैसी छोटी रकम के जीएसटी बकाया के नोटिसों की तरफ़ भी अधिकारियों का ध्यान दिलाया। इस पर आश्वस्त करते हुए आयुक्त राज्य कर मिनिस्ती एस ने बताया कि इस सम्बंध में पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं जिससे करदाताओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। यदि अधिकारियों की तरफ़ से बिना वजह व्यापारियों के उत्पीड़न की कोई भी शिकायत मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ग़ौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पिछले दिनों जीएसटी से जुड़े विवादों के निपटारे के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अपीलीय न्यायाधिकरण की 31 पीठ स्थापित करने की घोषणा की थी। वित्त मंत्रालय इन ट्रिब्यूनल की स्थापना से जुड़ी अधिसूचना जारी भी कर चुका है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जीएसटी ट्रिब्यूनल की स्थापना से 14 हजार से अधिक लंबित मामलों के शीघ्र समाधान का मार्ग प्रशस्त होगा। आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक तीन पीठ होंगी।

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