Sandeshkhali: संदेशखाली केश में कलकत्ता हाई कोर्ट का बड़ा आदेश, मामले की जांच सीबीआई के हवाले

Sandeshkhali: संदेशखाली में महिलाओं के आरोपों की जांच अब सीबीआई करेगी। संदेशखाली में महिलाओं से दुर्व्यवहार और जमीन दखल की घटनाओं के मामले में कलकत्ता हाई कोर्ट ने बुधवार की सीबीआइ जांच के आदेश दिए हैं।

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया

कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली (Sandeshkhali Case) मामले में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और जमीन हड़पने के आरोपों की सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। इन सभी की जांच कोर्ट की निगरानी में की जाएगी। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को नई ईमेल आईडी खोलकर संदेशखाली घटना से जुड़ी शिकायतें जमा करनी होंगी। संदेशखाली की महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस (TMC) के नेताओं पर कथित रूप से यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन कब्जे का आरोप लगाया है। संदेशखली को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में कुल पांच जनहित याचिका दायर की जा चुकी हैं। मामले में शाहजहां शेख, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार आरोपी हैं। तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया है।

मामले की निष्पक्ष जांच हो-कलकत्ता हाई कोर्ट

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि संदेशखाली मामले की गंभीरता को देखते हुए इसमें कोई शक नहीं है कि मामले की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। हमारी राय है कि जांच एजेंसी को राज्य को भी सहयोग देना चाहिए। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि सीबीआई एक रिपोर्ट दाखिल करेगी और जमीन हड़पने की जांच भी करेगी। एजेंसी के पास आम लोगों, सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों (NGO) आदि सहित किसी से भी पूछताछ करने की शक्ति होगी।

कोर्ट ने राज्य सरकार को लगाई थी फटकार

बीते गुरुवार को हाई कोर्ट ने संदेशखाली की घटनाओं को लेकर राज्य सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि यह मामला बेहद शर्मनाक है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हर नागरिक को सुरक्षा प्रदान करे।कोर्ट ने कहा था कि संदेशखाली मामले में जिला प्रशासन और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों को नैतिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

कोर्ट ने कहा कि संदेशखाली मामले की गंभीरता को देखते हुए इसमें कोई शक नहीं है कि मामल की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। पीठ ने कहा कि हमारी राय है कि जांच एजेंसी को राज्य को भी सहयोग देना चाहिए। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि CBI एक रिपोर्ट दाखिल करेगी और जमीन हड़पने की जांच भी करेगी। एजेंसी के पास आम लोगों, सरकारी विभागों, गैर-सरकारी संगठनों यानी NGO आदि सहित किसी से भी पूछताछ करने की शक्ति होगी।

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