दिल्ली एनसीआर में पटाखे फोड़ने और बेचने पर एनजीटी ने लगाया पूरी तरह प्रतिबन्ध

दिल्ली सरकार पहले ही पटाखे फोड़ने और बेचने पर लगा चुकी है प्रतिबन्ध

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार के बाद अब नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी दिल्ली एनसीआर में दिवाली के मौके पर सभी तरह के पटाखे फोड़ने और बेचने पर पूरी तरह रोक लगा दिया है।

वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए एनजीटी ने आज आधी रात से 30 नवंबर तक सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री या उपयोग के खिलाफ पूरी तरह से प्रतिबंध का फैसला सुनाया है।

कुछ दिन पहले दिल्ली सरकार पटाखे फोड़ने और बेचने पर प्रतिबन्ध का आदेश जारी किया था। एनजीटी ने कहा है कि राज्यों द्वारा निर्धारित जिन शहरों व कस्बों में वायु की गुणवत्ता ‘मध्यम’ या उससे नीचे है, केवल वहीं हरे रंग के पटाखे बेचे जा सकते हैं।

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एनजीटी ने आगे कहा कि दिवाली, छठ, नए साल और क्रिसमस की पूर्व संध्या के दौरान पटाखे के इस्तेमाल और फोड़ने की समय सीमा दो घंटे तक ही सीमित है।

पटाखे फोड़ने पर लग सकता है एक लाख रुपए तक का जुर्माना

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली में ग्रीन पटाखों सहित सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा के एक दिन बाद गोपाल राय ने कहा कि पटाखे बेचने या फोड़ने वाले लोगों पर वायु प्रदूषण (नियंत्रण) अधिनियम (1981) के तहत 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

गोपाल राय ने शुक्रवार को बताया था कि आरोपी के खिलाफ एयर एक्ट के तहत केस बनाया जाएगा, जिसमें 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान है।

इन राज्यों में भी पटाखे फोड़ना बैन

दिल्ली ने प्रदूषण के कारण तो राजस्थान, महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कोरोना वायरस के कारण  पटाखों पर बैन लगाने की घोषणा की है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने भी कोरोना के चलते दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

येदियुरप्पा ने कहा कि हमने इस पर (पटाखा प्रतिबंध) चर्चा की, हम दीपावली के दौरान पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला कर रहे हैं। सरकार जल्द ही इस आशय का आदेश जारी करेगी।

वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले सोमवार को ट्वीट कर जानकारी थी कि उनकी सरकार ने कोविड -19 रोगियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए, साथ ही पटाखों से निकलने वाले जहरीले धुएं से जनता को बचाने के लिए पटाखों की बिक्री और फटने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया। राज्य सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति से 2000 रुपये का जुर्माना लिया जाएगा।

महाराष्ट्र में भी दिवाली के दौरान कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी किए और सरकार ने नागरिकों से पटाखे फोड़ने से बचने का आग्रह किया।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने भी पश्चिम बंगाल में कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दिवाली, काली पूजा, जगद्धात्री पूजा और छठ पर पटाखों के इस्तेमाल और बिक्री पर गुरुवार को प्रतिबंध लगा दिया।

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