पावर प्रोजेक्ट में देरी पर कार्रवाई, मुफ्त बिजली देने की परंपरा सही नहीं: केंद्रीय उर्जा मंत्री

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली देने की परंपरा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह सेक्टर को कमजोर करता है और इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री – आर के सिंह (फाइल -फोटो)

बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने पावर प्रोजेक्ट को समय पर पूरा नहीं करने वाली कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है। सिंह ने बृहस्पतिवार को भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि जो भी डेवलपर वाणिज्यिक परिचालन शुरू करने की तारीख या समयसीमा से चूकेंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन क्षमता में वृद्धि एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि बोली प्रक्रिया के तहत जीती गई कई परियोजनाओं को संबंधित डेवलपर पूरा नहीं कर रहे हैं। सिंह ने कहा कि इन सभी परियोजनाओं (बिजली परियोजनाओं) को बोली प्रक्रिया के तहत जीता गया है और अगर वे परिचालन की अनुसूचित वाणिज्यिक तिथि (एससीओडी) से चूकते हैं, तो संबंधित डेवलपर को एक साल के लिए किसी परियोजना की बोली प्रक्रिया में भाग लेने से रोक दिया जाएगा। 

वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली देने की परंपरा पर चिंता व्यक्त करते हुए गुरुवार को कहा कि यह सेक्टर को कमजोर करता है और इससे बिजली आपूर्ति प्रभावित होती है। बिजली क्षेत्र में राजनीतिकरण के बारे में बोलते हुए वोट हासिल करने के लिए मुफ्त बिजली का वादा करने वाले अदूरदर्शी राजनेताओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुफ्त बिजली जैसी कोई चीज नहीं है, क्योंकि यह अंतत: उन करदाताओं पर बोझ डालती है जो बिल का भुगतान करते हैं। उन्होंने कहा कि मुफ्त की रेवड़ी बांटने और मुफ्त बिजली देने की प्रथा से यह सेक्टर कमजोर होता है।

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