गांवों में नुक्कड़ नाटकों सरीखी अपराधों की नुमाइश है वेब सीरीज ‘भौकाल 2’

Bhaukaal Season 2 Review

मुफ्त में एमएक्स प्लेयर देखने वालों के लिए विज्ञापनों के साथ प्रसारित होने वाली वेब सीरीज ‘भौकाल’ के दूसरे सीजन की कहानी वहां से शुरू होती है, जहां एक बदमाश की बीवी अपने पति की मौत का बदला लेने के लिए खून बहाने को तैयार है।

पुलिस की छवि बदलने की एक पुलिस अफसर की कोशिश, इलाके के बदमाशों में एक पुलिस अफसर की सक्रियता के खिलाफ गोलबंदी,

बदमाशों की मर्दानगी ललकारती उनके बीच की ही औरतें और मुजफ्फरनगर के नक्शे पर बार बार उभरते गांवों में नुक्कड़ नाटकों सरीखी अपराधों की नुमाइश है। बस इतनी सी ही है, वेब सीरीज ‘भौकाल 2’।

उप्र की देशज बोलियों की समझ रखने वाले जानते हैं कि ‘भौकाल’ शब्द का अर्थ करीब करीब वही है जो ताश के खेल में ब्लफ का होता है।

उप्र के पुलिस अफसरों की जीवनी पर फिल्म बनाने का सिलसिला ‘सहर’ से शुरू माना जा सकता है। राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘अब तक 56’ के दिनों में उप्र के पुलिस अफसर नवनीत सिकेरा पर भी खूब टीवी शो बने।

नवनीत सिकेरा ने जो किया उसे मोहित रैना वर्दी पहनकर वेब सीरीज ‘भौकाल’ में जी रहे हैं। वेब सीरीज ‘भौकाल 2’ में अधिकतर कलाकार ऐसे हैं जो इसके बनने के दिनों में कुछ भी करने को तैयार रहे होंगे।

मोहित रैना की ढीली शर्ट और बार बार कैमरे का उनका पेट दिखाने से बचने की कोशिश करना समझाता है कि कभी ‘महादेव’ बन चुके मोहित ने सिकेरा बनने के लिए वैसी मेहनत नहीं की।

सिद्धांत कपूर ने कोशिश तो की है लेकिन उनका रुआब बनता नहीं दिखता। संवादों की अदायगी उनकी ओढ़ी हुई सी लगती है। प्रदीप नागर ने जरूर बेहतर काम किया है।

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