Ranchi में GBS मरीज मिलने के बाद सरकार अलर्ट, सीएम ने बैठक कर दिए निर्देश
Jharkhand News: रांची में एक बच्ची के गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से पीड़ित होने की पुष्टि के बाद राज्य सरकार अलर्ट हो गई है। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे लेकर शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग के मंत्री और वरिष्ठ अफसरों के साथ बैठक की। इस दौरान सभी जिलों के उपायुक्त और सिविल सर्जन भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े।
मुख्यमंत्री ने इस बीमारी से मिलते-जुलते लक्षणों को लेकर किसी भी व्यक्ति के अस्वस्थ होने पर तत्काल उसकी जांच और इलाज का बेहतर प्रबंध सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
सीएम ने सभी जिलों के उपायुक्तों और सिविल सर्जनों को कहा कि एहतियाती तौर पर सभी जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में स्पेशल वार्ड तैयार रखे जाने चाहिए। स्पेशल वार्डों में वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सप्लाई, बीमारी के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह बीमारी संक्रामक नहीं है, लेकिन समय पर इसका इलाज जरूरी है और इसे लेकर लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए।
बैठक में उपस्थित स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि रांची के बूटी मोड़ स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में इलाज के लिए भर्ती कराई गई पांच साल की जिस बच्ची के जीबीएस से पीड़ित होने की बात सामने आई है, उसके बारे में बताया गया है कि वह हाल में अपने परिवार के लोगों के साथ महाराष्ट्र से आई है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस यूनिट की टीम ने हॉस्पिटल जाकर उसके बारे में पूरी जानकारी हासिल की है। बच्ची का स्टूल कलेक्ट कर जांच के लिए पुणे भेजा गया है। झारखंड में किसी जगह पर इस बीमारी से किसी अन्य के पीड़ित होने की सूचना नहीं है, लेकिन इसे लेकर हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में जुड़े झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने कहा कि पीड़ित बच्ची के इलाज को लेकर हॉस्पिटल प्रबंधन से जानकारी ली गई है। उन्होंने कहा कि वे इस विषय को व्यक्तिगत तौर पर देख रहे हैं। इस संबंध में केंद्र सरकार से भी गाइडलाइन मिलने का इंतजार है। बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार एवं कई अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
महाराष्ट्र और राजस्थान में जीबीएस के कई केस मिले हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी संक्रामक नहीं है। यह ऑटो इम्यून डिजीज है, जिसमें नर्वस सिस्टम डैमेज हो सकता है। इस बीमारी के ज्यादातर मरीज समय पर समुचित इलाज मिलने से स्वस्थ हो जाते हैं।
यह भी पढ़ें…
Gurez Valley में ताजा बर्फबारी से जनजीवन प्रभावित, बांदीपोरा-गुरेज मार्ग बंद
Godda में नाबालिग लड़की को घर से जबरन उठाया, रेप के बाद जहर खिलाकर की हत्या
Uttarakhand में UCC लागू होने पर बोले उमर अब्दुल्ला, ‘उन्हें जो करना है करने दीजिए’