
Jindal India Institute ने भारत में ‘इंडिया स्टडीज’ में शुरू किया पहला एम.ए. पाठ्यक्रम
‘India Studies’ Course in Jindal India Institute: जिंदल इंडिया इंस्टीट्यूट (जेआईआई) ने 5 मार्च को जेजीयू इंटरनेशनल एकेडमी, ताज महल होटल, मान सिंह रोड, नई दिल्ली में एक वर्षीय ‘एम.ए. इन इंडिया स्टडीज’ कार्यक्रम की शुरुआत की जो पूरी तरह ऑनलाइन है। जेआईआई ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी (जेजीयू) का हिस्सा है।
इंडिया स्टडीज में मास्टर डिग्री का पहला ऐसा कार्यक्रम है जो किसी भारतीय विश्वविद्यालय द्वारा पेश किया गया है। इस कोर्स का उद्देश्य भारत को उसकी बौद्धिक परंपराओं और वर्तमान परिस्थितियों के दृष्टिकोण से समझने का अवसर देना है।
पूरी तरह से ऑनलाइन है अध्ययन
आज के दौर में, जब भारत की वैश्विक पहचान लगातार बढ़ रही है, यह कोर्स भारत की संस्कृति, समाज और दृष्टिकोण को गहराई से समझने की जरूरत को पूरा करता है। यह कार्यक्रम पूरी तरह ऑनलाइन है, जिससे खासतौर पर कामकाजी लोग दुनिया के किसी भी कोने से भारत की विविध सांस्कृतिक और बौद्धिक धरोहर का अध्ययन कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उपयोगी है यह पाठ्यक्रम
यह पाठ्यक्रम खासतौर पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उपयोगी है, जैसे विदेशी राजनयिक, दुनियाभर में फैले भारतीय मूल के लोग, कारोबारी, भारत के प्रति गहरी रुचि रखने वाले व्यक्ति और भारत व दक्षिण एशिया के शोधकर्ता। यह उन्हें भारत की समृद्ध सभ्यता और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की मौजूदा प्रासंगिकता को गहराई से समझने का अवसर देता है।
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‘मास्टर इन इंडिया स्टडीज’ कार्यक्रम में JII का महत्वपूर्ण कदम
ओ.पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के संस्थापक कुलपति और जिंदल इंडिया इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) सी. राजकुमार ने इस पहल की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा, “भारत की समृद्ध बौद्धिक परंपराओं और इसके ऐतिहासिक व आधुनिक महत्व के बावजूद, भारतीय विश्वविद्यालयों में भारत को समझने के प्रयास बिखरे हुए रहे हैं। इनमें एक व्यवस्थित और बहुआयामी दृष्टिकोण की कमी रही है। दुनिया भर के कई संस्थानों ने ‘इंडिया स्टडीज’ के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन भारत में ऐसी पहलें अब भी सीमित हैं। जिंदल इंडिया इंस्टिट्यूट और इसका ‘मास्टर इन इंडिया स्टडीज’ कार्यक्रम इस कमी को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
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भारत की सभ्यता और बौद्धिक विरासत को गहराई से समझने की ज़रूरत
जिंदल इंडिया इंस्टीट्यूट के महानिदेशक प्रो. (डॉ.) श्रीराम चौलिया ने इस कार्यक्रम की प्रासंगिकता को समझाते हुए कहा कि जैसे-जैसे भारत वैश्विक मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है, वैसे-वैसे उसका समृद्ध इतिहास, विविध परंपराओं और बदलते वैश्विक किरदार को समझने के लिए एक ठोस अकादमिक ढांचे की जरूरत बढ़ रही है। भारत के इस उत्थान के साथ-साथ यह भी आवश्यक है कि हम अपनी सभ्यता और बौद्धिक विरासत को गहराई से समझें। जिंदल इंडिया इंस्टीट्यूट का ‘मास्टर इन इंडिया स्टडीज’ पाठ्यक्रम विद्यार्थियों को भारत के अतीत और वर्तमान को उसकी बौद्धिक परंपराओं के आधार पर गहराई से समझने के लिए आवश्यक ज्ञान और विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है।
इस कार्यक्रम के समापन पर जिंदल इंडिया इंस्टिट्यूट ने भारत के इतिहास, विचारधाराओं और समकालीन विषयों को वैश्विक स्तर पर गहराई से समझने और उन्हें बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया।
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