370 की बहाली की उम्मीद करना बेवकूफी होगी: उमर अब्दुल्ला

Omar Abdullah

नई दिल्ली। 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर राज्य के विशेष प्रावधान धारा 370 व 35A को हटाए जाने के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कश्मीरी नेताओं के बीच बैठक हुई।

बैठक के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस के चीफ व जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हमने आर्टिकल 370 की बहाली की मांग को छोड़ा नहीं है, मगर यह उम्मीद करना कि मौजूदा सरकार इसे बहाल करेगी, यह मूर्खता होगी।

बता दें कि कश्मीर में परिसीमन और चुनाव प्रक्रिया को लेकर गुरुवार को कश्मीर के 14 नेता पीएम मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक में शामिल थे।

यह बैठक संघर्ष की शुरुआत

करीब साढ़े तीन घंटे लंबी चली इस बैठक में कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। बैठक के बाद सभी नेताओं ने अपनी-अपनी प्रतिक्रिया दी। इसी क्रम में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी मीडिया के सामने अपनी बात रखी।

पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि उन्होंने अनुच्छेद 370 की बहाली की मांग को छोड़ा नहीं है। हालांकि साथ ही उन्होंने कहा है कि इस बात के कोई संकेत नहीं हैं कि मौजूदा सरकार इसे बहाल करेगी। अब्दुल्ला ने इस मीटिंग को ‘संघर्ष की शुरुआत’ बताया है।

कश्मीर के लोगों को झूठा दिलासा नहीं देंगे हम

दिल्ली में हुई इस बैठक का सबसे बड़ा विषय अनुच्छेद 370 को ही माना जा रहा था, लेकिन खबर आई कि मीटिंग में इस मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई। इस मीटिंग में महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला समेत राज्य के 14 नेता मौजूद थे।

खबरों के अनुसार अब्दुल्ला ने कहा, ‘अनुच्छेद 370 को लेकर राजनीतिक एजेंडा पूरा करने में बीजेपी को 70 साल लगे। हमारा संघर्ष अभी शुरू हुआ है।

हम लोगों को यह कहकर बेवकूफ नहीं बनाना चाहते कि इन वार्ताओं से हम 370 दोबारा हासिल कर लेंगे। इस बात की उम्मीद करना कि 370 वापस आएगा, यह बेवकूफी है।’

जानना होगा कि सरकार के दिमाग में चल क्या रहा है

370 पर बात न होने को लेकर अब्दुल्ला ने इस बात पर जोर दिया कि मीटिंग में इस मुद्दे को नहीं उठाए जाने का मतलब यह नहीं है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस ने इसे छोड़ दिया है।

उन्होंने कहा, ‘हम कानूनी, शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से अपना काम करेंगे। हम चतुराई से लड़ रहे हैं… इसे सुप्रीम कोर्ट में लड़ा जा रहा है, जहां हमारे पास सबसे ज्यादा मौका है।’

उन्होंने जानकारी दी कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बैठक को लेकर कोई शर्तें नहीं रखी थीं।

बैठक के बाद अब्दुल्ला ने आगे कहा  ‘हमारे दो मूल उद्देश्य हैं। पहला यह जानना कि केंद्र सरकार के दिमाग में क्या चल रहा है और आगे का रोडमैप क्या है।

दूसरा, हम अपनी बात को भी रखना चाहते थे। एनसी, पीडीपी ने पीएम और गृहमंत्री को जो भी कहा है, वह श्रीनगर में कही गई बातों से अलग नहीं है। तब हमने कहा था कि उन्होंने जो भी किया, वह गलत था और बड़ी आबादी इससे नाखुश है।’

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