Azamgarh News: आज यूपी के सभी निजी स्कूल रहेंगे बंद,अभिभावक संघ ने किया कड़ा विरोध
आजमगढ़ (हरवंशपुर) स्थित चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में 31 अगस्त को 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की मौत को लेकर जिस तरीके से सीबीएसई स्कूल मैनेजर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश भारत ने आठ अगस्त को सभी निजी विद्यालयों को बंद कर शिक्षकों को काली पट्टी बांध काम करने का ऐलान किया है वह हैरान करने वाला है। इस मामले को लेकर तमाम संगठन विरोध कर रहे हैं।

वही उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ के सचिव गोविन्द दुबे ने आह्वान किया कि नौ अगस्त को हम सब अपने बच्चों को स्कूल न भेजें ताकि इन हिटलरशाहों को यह पता चल सके कि तुम्हारी रोजी-रोटी हमसे है हमारी रोजी-रोटी तुमसे नहीं। इस अवसर पर गांधीगिरी टीम, जेवाईएसएस टीम, प्रयास संस्था और तमाम संगठन के लोग रहे।
चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल की प्रिंसिपल व शिक्षक की गिरफ्तारी और जमानत खारिज होने के विरोध में अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन उत्तर प्रदेश ने आठ अगस्त को पूरे प्रदेश में स्कूल बंद करने का एलान किया है। इस दिन प्रदेश के सीबीएसई, आइसीएसई, यूपी बोर्ड और अन्य बोर्ड से संचालित निजी, मिशनरीज स्कूल बंद रहेंगे। 31 जुलाई को आजमगढ़ के चिल्ड्रेन गर्ल्स स्कूल में छात्रा की संदिग्धावस्था में विद्यालय की तीसरी मंजिल से गिर जाने से मौत हो गई थी। आरोप है कि छात्रा की मौत के बाद कई घंटों तक परिजवारी को सूचना नहीं दी गई।

सूचना देने के पहले स्कूल में उस स्थान को पानी आदि डाल कर साफ करा दिया गया, जहां गिरकर छात्रा की मौत हुई थी। छात्रा के घरवालों ने स्कूल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाए थे। एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि स्कूल कभी अपने बच्चों का अहित नहीं चाहता, फिर भी कभी कोई घटना होती है तो दोषी स्कूल प्रबंधन को ही माना जाता है। अभिभावक कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं होते, जरा-जरा सी बात पर एफआइआर की धमकी मिलती है। विद्यार्थियों ने इसी कारण से शिक्षक शिक्षिकाओं को सम्मान देना बंद कर दिया है। इससे पहले पदाधिकारी महानिदेशक स्कूली शिक्षा विजय किरण आनंद से भी मिले। उन्होंने ऐसे प्रकरण में एक गाइडलाइन बनाने का आश्वासन दिया। इस दौरान सचिव डा.माला मेहरा, उपाध्यक्ष बृजेंद्र सिंह, कोषाध्यक्ष रचित मानस, संयुक्त सचिव जीवन खन्ना, राहुल केसरवानी आदि मौजूद रहे।
छात्रा श्रेया तिवारी की मौत को लेकर जिस तरीके से सीबीएसई स्कूल मैनेजर्स एसोसिएशन उत्तर प्रदेश, भारत ने आठ अगस्त को सभी निजी विद्यालयों को बंद कर शिक्षकों को काली पट्टी बांध काम करने का ऐलान किया है वह हैरान करने वाला है। कम से कम अपने विरोध के तरीके में उसे यह ध्यान रखना चाहिए था कि किसी भी हाल में बच्चों की पढ़ाई न बाधित हो।
उधर, प्रतिक्रिया में उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ ने निर्णय के विरोध में नौ अगस्त को अभिभावकों से अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का आह्वान किया है। इस मामले को लेकर तमाम संगठन भी कूद पड़े हैं।
सूत्रों के मुताबिक चिल्ड्रेन गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं का मोबाइल ले जाना प्रतिबंधित है। 28 जुलाई को श्रेया के बैग से मोबाइल मिलने पर उससे पूछताछ हुई। फिर 31 जुलाई को श्रेया से इस बाबत पूछताछ हुई। आरोप है कि उसे प्रिंसिपल सोनम प्रणव मिश्रा और क्लास टीचर अभिषेक राय ने न सिर्फ खड़ा कराए रखा बल्कि जमकर प्रताड़ित भी किया। इससे आजिज आकर श्रेया ने विद्यालय की तीसरी मंजिल से कूदकर जान दे दी। इस मामले में मृत छात्रा के पिता द्वारा लगाए गए आरोप की जांच के बाद पुलिस ने हत्या की धारा बदलकर आत्महत्या के लिए उत्प्रेरित करने का मामला दर्ज किया।

जांच में प्रिंसिपल व शिक्षक को पुलिस ने जिम्मेदार ठहराते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। न्यायालय ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। गिरफ्तारी के निर्णय से खफा एसोसिएशन ने स्कूल बंद कर काली पट्टी बांध शिक्षकों के स्कूल पहुंचने का निर्णय किया। स्कूल एसोसिएशन का कहना है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना से सबक लेते हुए निजी विद्यालय आठ अगस्त को जागरूकता दिवस मनाएंगे। प्रदेश भर के स्कूल एक साथ सौहार्द एवं एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे।
उत्तर प्रदेश अभिभावक महासंघ व आजमगढ़ के तमाम संगठनों की सोमवार को कुंवर सिंह उद्यान में हुई बैठक में स्कूलों की एकजुटता के विरोध में जवाब देने के लिए कमर कसने का आह्लान किया गया। वक्ताओं ने हुंकार भरी कि निजी स्कूलों की तानाशाही रवैए के खिलाफ सभी अभिभावकों को एकजुट होना होगा। शिक्षा के नाम पर निजी विद्यालय हमें लूटते आए हैं। अब अपने बच्चों की हत्या होते तो हम लोग नहीं देख सकते। आह्वान किया कि इन स्कूल संचालकों को दिखाना होगा कि अगर तुम लोग अपनी एकता का प्रदर्शन कर सकते हो तो हमारी संख्या लाखों-करोड़ों में हैं। इस अवसर पर गांधीगिरी टीम, जेवाईएसएस टीम, प्रयास संस्था और तमाम संगठन के लोग रहे।
दरअसल, कथित तौर पर जिले के प्राइवेट स्कूल की छत से गिरने से में छात्रा की मौत हो गई थी. इस संदिग्ध मौत के बाद स्कूल की प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार किया गया था. सोमवार को कोर्ट से दोनों को जमानत नहीं मिली. प्रिंसिपल और क्लास टीचर की गिरफ्तारी के चलते कई प्राइवेट स्कूल प्रिंसिपल और क्लास टीचर के पक्ष में आ गए हैं.
इस मामले में यूपीएसए (अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन) ने एक लेटर जारी कर कई सवाल उठाए हैं. इसमें कहा कि विद्यालय में छात्रों के लिए कौन सी वस्तु प्रतिबंधित कर देनी चाहिए. विद्यालय को जांच, तलाशी करने का अधिकार है या नहीं. अगर कोई वर्जित सामग्री पाई जाती है और अभिभावकों को सूचित करने पर अभिभावक नहीं आते हैं या देर से आते हैं तो क्या करना चाहिए.
यूपीएसए ने सवाल किया, अनुशासन बनाए रखने के लिए कौन सा तरीका अपनाया जाए, या बच्चों को उनके हाल पर छोड़ दिया जाए. किसी भी विद्यालय में जब इस प्रकार की घटना होती हो उसका सबसे ज्यादा दुख विद्यालय या विद्यालय संचालन से जुड़े लोगों का होता है. टीचर बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए प्रयास करते हैं.
