झटके पर झटका, शिकोहाबाद से भाजपा विधायक डॉ. मुकेश वर्मा का इस्तीफा

लखनऊ। कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य और दारा सिंह चौहान के भाजपा छोड़ने के बाद से चल रहा इस्तीफों का सिलसिला जारी है। इसी क्रम में आज गुरुवार को शिकोहाबाद से भाजपा विधायक डॉ. मुकेश वर्मा से पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को भेजा है। डॉ. मुकेश वर्मा पांच वर्ष पूर्व ही भाजपा में शामिल हुए थे। इससे पहले वे बसपा में थे। 2012 का विधानसभा चुनाव उन्होंने बसपा से लड़ा था और दूसरे नंबर पर रहे थे।
सोशल मीडिया पर दी जानकारी
गुरुवार सुबह उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी इसकी जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा कि भाजपा सरकार द्वारा पांच वर्ष के कार्यकाल में दलित, पिछड़ों और अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं व जनप्रतिनिधियों को कोई तवज्जो नहीं दी गई और न ही कोई उचित सम्मान दिया गया।
इसके अलावा दलित, पिछड़ों किसानों व बेरोजगारों की उपेक्षा की गई। ऐसे कूटनीतिक रवैये के कारण मैं भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य शोषित, पीड़ितों की आवाज हैं और वह हमारे नेता हैं मैं उनके साथ हूं।
मोदी लहर में मुकेश बने थे पहली बार विधायक
वर्ष 2017 में बसपा छोड़कर भाजपा में आए डॉ. मुकेश वर्मा को मोदी लहर में विधायक बनने का सौभाग्य मिला। शिकोहाबाद विधानसभा में 87,851 वोट पाकर सपा प्रत्याशी संजय यादव को 10,777 मतों से हराया था।
सपा में जाने की अटकलें
डॉ. मुकेश वर्मा सपा में जाने की अटकलें अब तेज हो गई हैं क्योंकि इस्तीफे में स्वामी प्रसाद मौर्य का जिक्र कर उन्हें अपना नेता बताया है। इससे यह कयास लगाया जा रहा है कि वे समाजवादी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
पार्टी थी नाखुश
सूत्रों की मानें तो डॉ. मुकेश वर्मा के कामकाज से भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आलाकमान भी खुश नहीं था। टिकट कटने की सूची में भी इनका नाम शामिल था।
कुछ दिनों पहले जैन समाज के लोगों ने एक मंदिर प्रकरण में इनका नाम व एक को पीटने के आरोप लगाए थे और पूरे जिले में इसका तगड़ा विरोध हुआ था।
