Lok sabha Election: चुनाव से पहले ही सूरत फतेह, बीजेपी उम्मीदवार मुकेश दलाल निर्विरोध सांसद निर्वाचित..

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों से पहले ही भाजपा ने एक सीट जीत ली है। वोटिंग से पहले ही इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए हैं। आज फॉर्म वापस लेने की प्रक्रिया के दौरान बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल ने अपना फॉर्म वापस ले लिया है इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी को निर्विरोध घोषित कर दिया गया है।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

Lok Sabha Polls: देश की 543 सीटों पर हो रहे लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे पर एक ऐसी भी लोकसभा सीट है, जहां इस बार बिना चुनाव के ही नतीजे आए हैं. वहां से जीत किसी और को नहीं बल्कि सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को मिली है. गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से एक सीट सूरत की है, जहां कांग्रेस कैंडिटेड का नामांकन कैंसल होने के बाद बीजेपी ने निर्विरोध ही चुनाव जीत लिया.

इस जीत के बाद पार्टी न सिर्फ गुजरात बल्कि पूरे देश में एक मनौवैज्ञानिक लाभ लेने की कोशिश करेगी, तो वहीं कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका है। कांग्रेस के पास अब सिर्फ विक्टिम कार्ड खेलने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। निर्विरोध निर्वाचन के तुरंत बाद जिला निर्वाचन अधिकारी ने बीजेपी कैंडिडेट को जीत का प्रमाण पत्र दे दिया। ऐसे में कांग्रेस के लिए अब यह पूरा मामला काफी पेचीदा हो गया है।

बसपा प्रत्याशी ने मांगी सुरक्षा
हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद बसपा प्रत्याशी प्यारेलाल ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है। बहुजन समाज पार्टी के सूरत जिला अध्यक्ष सुतीश सोनवणे ने जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी को आवेदन दिया कि प्यारेलाल भारती को प्रलोभन दिया जा रहा है।

क्या था कांग्रेस प्रत्याशी का विवाद?
भाजपा प्रत्याशी मुकेश दलाल के चुनाव एजेंट दिनेश जोधानी ने फॉर्म के सत्यापन के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी नीलेश कुम्भानी के फॉर्म को लेकर आपत्ति जताई थी और कहा था कि मुझे जानकारी है कि कांग्रेस प्रत्याशी के प्रस्तावक कोई नहीं हैं। इसकी जानकारी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव एजेंट फिजिक कोल्डी को दी गयी।

सुनवाई कल हुई और कांग्रेस उम्मीदवार के फॉर्म पर प्रस्ताव के तौर पर हस्ताक्षर करने वाले जगदीश सावलिया, रमेश पोलारा और ध्रुविन धमेलिया चुनाव अधिकारी के सामने पेश हुए और कहा कि उन्होंने फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और एक हलफनामा भी दाखिल किया है। इसके बाद इसपर सुनवाई हुई और बाद में चुनाव अधिकारी ने उनका पर्चा रद्द कर दिया।

कांग्रेस के पास नहीं था मजबूत कैंडिडेट
कांग्रेस पार्टी ने सूरत से नीलेश कुंभाणी को कैंडिडेट बनाया था। पाटीदार समुदाय से आने वाले नीलेश कुंभाणी को हार्दिक पटेल का करीबी माना जाता है। चर्चा यहां तक हैं कि नीलेश कुंभाणी के साथ जो खेला हुआ। उसे उनके करीबी लोगों ने ही अंजाम दिया। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी कैंडिडेट के प्रस्तावकों के आने का इंतजार करती रही और इस पूरे मामले में कानूनी समाधान नहीं खोज पाई। कांग्रेस कितनी कमजाेरी से खेल रही थी। इसका अंदाजा इस बार से लगाया जा सकता है कि मुख्य कैंडिडेट के साथ डमी कैंडिडेट का पर्चा भी रद्द हो गया।

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