एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर ने प्रेग्नेंसी पर की बात, एग्स फ्रीजिंग बदलती जीवनशैली की जरूरत…

साउथ और बॉलीवुड सिनेमा की एक्ट्रेस मृणाल ठाकुर अपनी प्रोफेशनल लाइफ से ज्यादा पर्सनल लाइफ को लेकर भी चर्चा में बनी रहती हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। अभिनेत्री ने अपने जीवन और करियर के बीच सही संतुलन पर खुलकर बात की। इसके अलावा उन्होंने भी बताया है कि वह अपने एग्स फ्रीज करवाना चाहती हैं।

इमेज क्रेडिट-सोशल मीडिया

मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) को हाल ही में फिल्म ‘द फैमिली स्टार’ में देखा गया था। इसमे विजय देवरकोंडा भी नजर आए थे। अब ये फिल्म कल यानी 26 अप्रैल से ओटीटी प्राइम वीडियो पर स्ट्रीम होगी। इसी बीच अभिनेत्री ने अपने जीवन और करियर के बीच सही संतुलन पर खुलकर बात की। इसके अलावा उन्होंने बताया है कि वह अपने एग्स फ्रीज करवाना चाहती हैं।

मृणाल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्हें अक्सर बॉडी शेमिंग का शिकार होना पड़ता है और उन्होंने कसम खाई है कि वह ब्यूटी स्टैंडर्ड्स को बदलने जा रही हैं। इसके अलावा उन्होंने अपने एग्स फ्रीज कराने को लेकर भी खुलकर बात की। तो आये आपको बताते है, कि आखिर एग फ्रीजिंग की प्रक्रिया क्या होती है। क्यों इस बदलती जीवनशैली में महिलाये इसके तरफ आकर्षित हो रही है।

गर्भधारण की वैज्ञानिक उम्र 20 से 30 साल के बीच होती है

अंडों को फ्रीज करने की सबसे अच्छी उम्र 20 से 30 वर्ष के बीच होती है क्योंकि इस उम्र में अण्डे अधिक उपजाऊ होते है। लेकिन कैरियर की प्राथमिकता के कारण महिलाएं इस उम्र में मां बनने से परहेज करने लगी हैं। इसके बाद महिलाओं में फर्टिलिटी कम होने लगती है. हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि 30 साल के बाद महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं हो सकती। इसलिए आज के युग में एग फ्रीजिंग (Egg Freezing) का चलन बढ़ रहा है। एग फ्रीजिंग को मेडिकल भाषा में उसाइट क्रायोप्रिजर्वेशन (ocyte cryopreservation) कहते हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें महिलाओं में गर्भधारण की वास्तविक उम्र में उनसे अंडा निकाल लिया जाता है और इसे सुरक्षित रख लिया जाता है

क्या होती है एग फ्रीजिंग
एग फ्रीजिंग महिलाओं को गर्भधारण की उम्र बीत जाने के बाद भी प्रेग्नेंसी कनसीव करने की सुविधा देती है। इस मेडिकल प्रक्रिया में डॉक्टर महिला की पूरी जांच पड़ताल करते हैं। एक महिला में प्रत्येक महीने एक अंडे का निर्माण होता है। लेकिन प्रत्येक महीने का अंडा फ्रीजिंग के लिए सही नहीं होता, इसलिए जांच के बाद यह पता चलता है कि किस महीने के अंडे को सुरक्षित रखा जाए। अगर अंडा संरक्षित करने की दर कम होगी तो बाद में उस अंडे से प्रेग्नेंसी की संभावना भी कम होगी। इसलिए अंडा निकालने से पहले महिलाओं का इलाज भी किया जा सकता है। जब अंडा पूरी तरह से स्वस्थ्य और गर्भधारण के योग्य होता है तब डॉक्टर बहुत ही बारीकी से अंडे को निकालता है। यह प्रक्रिया बहुत ही सूक्ष्म होती है जिसके कारण छोटी सी सर्जरी भी की जा सकती है। इसके तहत बहुत ही पतली नीडिल से अंडे को निकाला जाता है और इसे सबजीरो टेंपरेचर पर फ्रीज कर दिया जाता है।

फिर कब हो सकती हैं प्रेग्नेंट
महिला अपने अंडाणु को 10-15 साल के लिए भी फ्रीज करवा सकती है। अंडा तब तक उसी अवस्था में रहेगा, जैसा अंडाशय में था. भविष्य में जब महिला मां बनना चाहेगी, आईवीएफ तकनीक से अंडे को निषेचित किया जाएगा और इस निषेचित अंडाणु को महिला के शरीर में प्रवेश कराया जाता है।

एग फ्रिजिंग की सफलता दर

35 वर्ष या उससे कम उम्र की महिला में एक बार स्टिमुलेटेड साइकिल में 10-12 अंडे प्राप्त हो सकते हैं जिनमें से 7-9 फ्रिजिंग और भंडारण के लिए उपयुक्त हो सकते हैं। लगभग 80-90 प्रतिशत भविष्य में जीवित रह सकते हैं इनमें से 50-80 प्रतिशत भ्रूण के रूप में निषेचित होते हैं । 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिला में सफलता दर कम रहती है । एग फ्रिजिंग की सफलता में महिला की उम्र, प्राप्त किये गये अंडे की गुणवत्ता और मात्रा प्रमुख कारक हैं।

विवाह और मातृत्व को प्राप्त करने में देरी करने की एक सामाजिक प्रवृत्ति प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं में देखी गयी है। यह देरी जीवन शैली से संबंधित विभिन्न कारकों जैसे केरियर में ऊचांइयों तक पहुंचना या सही साथी नहीं मिलने के कारण होती है।परिणामस्वरूप ये महिलाएं जब गर्भधारण का निर्णय लेती हैं तो उम्र के कारण निःसंतानता हो सकती है। ऐसे में महिलाओं के लिए एग फ्रिजिंग की भूमिका अहम होती है।

Back to top button