अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रियाओं का दौर शुरू, बीजेपी ने कहा आपातकाल

अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की एडिटर्स गिल्ड ने भी की निंदा

नई दिल्ली। रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर राजनैतिक प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। बीजेपी ने जहाँ इसकी तुलना आपातकाल से की वहीँ कांग्रेस और शिवसेना ने इसे कानून का शासन बताया है।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी गंभीर रूप से निंदनीय, अनुचित और चिंताजनक है।

हमने 1975 की ड्रैकोनियन इमर्जेंसी का विरोध करते हुए प्रेस की स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। किसी की राय अलग हो सकती है, को बहस कर सकता है, कोई सवाल भी पूछ सकता है।

पुलिस शक्ति का दुरुपयोग कर अर्नब गोस्वामी के कद के एक पत्रकार को इसलिए गिरफ्तार किया जाता है, क्योंकि वह सवाल पूछ रहा था? हम सभी को इसकी निंदा करने की आवश्यकता है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने संस्थानों पर हमले के प्रेरित आरोपों के माध्यम से नरेंद्र मोदी सरकार पर खुलेआम हमला किया है।

फिर भी वे पूरी तरह से चुप हैं जब महाराष्ट्र में उनका अपना सरकार प्रेस की स्वतंत्रता का हनन कर रहा है। रविशंकर प्रसाद ने इसे पाखंड बता।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र में कानून का पालन किया जाता है। अगर किसी के खिलाफ सबूत हैं तो पुलिस कार्रवाई कर सकती है। ठाकरे सरकार के गठन के बाद से, बदला लेने के लिए किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।

अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘प्रजातंत्र में इससे खराब दिन कुछ नहीं हो सकता।

वरिष्ठ पत्रकार से ऐसा अमानवीय व्यवहार करने की कड़ी से कड़ी भाषा में निंदा करना भी कम है। ये राजनीतिक उद्देश्य से किया गया है, हम इसकी निंदा करते हैं।’

केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ईरानी ने ट्वीट किया, ”स्वतंत्र प्रेस के लोग अगर आज अर्नब के समर्थन में खड़े नहीं होते हैं , तो आप रणनीतिक रूप से फासीवाद के समर्थन में हैं।

आप भले ही उन्हें पसंद नहीं करते हों, आप उनको चाहे मान्यता नहीं देते हों, भले ही आप उनकी उपस्थिति को नजर अंदाज करते हों लेकिन अगर आप चुप रहे तो आप दमन का समर्थन करते हैं। अगर अगले शिकार आप होंगे, तो फिर कौन बोलेगा?”

महाराष्ट्र कांग्रेस के महासचिव और प्रवक्ता सचिन सावंत ने अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी को दिवंगत अनवे नाइक को श्रद्धांजलि करार दिया।

उन्होंने कहा, “नाइक और उनकी मां को अर्नब के चैनल द्वारा 80 लाख रुपये का बकाया भुगतान करने में विफल रहने के बाद आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया गया था।

फडणवीस सरकार इस मामले की जांच करने और मृतक के परिवार के साथ न्याय करने में विफल रही। राजनीतिक दबाव बहुत था।”

सावंत ने कहा, ‘मोदी सरकार सिर्फ अर्नब की रक्षा कर रही थी क्योंकि उनका चैनल उनके एजेंडे को आगे ले जा रहा था।

अपराधी के खिलाफ कार्रवाई की निंदा करने के बजाय, भाजपा को न्याय पाने में अपनी विफलता पर शर्म महसूस करनी चाहिए। हम एमवीए सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का स्वागत करते हैं।“

द एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी की गिरफ्तारी की निंदा की है।

कहा, “गिल्ड ने महाराष्ट्र के सीएम से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि गोस्वामी के साथ उचित व्यवहार किया जाए और मीडिया द्वारा महत्वपूर्ण रिपोर्टिंग के खिलाफ राज्य शक्ति का उपयोग नहीं किया जाए।”

क्या है मामला

दरअसल अर्नब गोस्वामी के खिलाफ को आत्महत्या के एक पुराने केस में मुंबई पुलिस ने आज उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। अर्नब ने पुलिस पर मारपीट और बदसलूकी के भी आरोप लगाए हैं।

सीनियर जर्नलिस्ट को महाराष्ट्र सीआईडी ने 2018 में इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाइक और उनकी मां कुमुद नाइक की आत्महत्या की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी के बाद उन्होंने अलीबाग पुलिस स्टेशन ले जाया गया है।

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