नौवीं बार सबसे छोटे स्कोर पर सिमटी टीम इंडिया, विराट कोहली फिर फेल

विराट कोहली

लीड्स (इंग्लैंड)। लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर इंग्लैंड को 151 रनों से हराने वाली टीम इंडिया लीड्स के हेडिंग्ले क्रिकेट मैदान में महज 78 रन पर सिमट गई। पहली पारी में भारतीय टीम केवल 40.4 ओवर ही खेल पाई।

रोहित शर्मा (19) और अजिंक्य रहाणे (18) के अलावा ही दोहरे अंक तक पहुंच सके। सलामी बल्लेबाज केएल राहुल तीन तीन बल्लेबाज तो खाता भी नहीं खोल सके। कप्तान विराट कोहली सात रन बनाकर फिर एंडरसन की शिकार बने।

इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा सबसे छोटा स्कोर

बता दें कि 78 रन का यह स्कोर भारत का इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा जबकि कुल नौवां सबसे छोटा स्कोर है। भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में 1974 में 42 रन और 1952 में मैनचेस्टर में 58 रन बनाकर ऑलआउट हो गई थी।

टेस्ट में यह 26वीं बार है, जब टीम इंडिया 100 से कम के स्कोर पर सिमट गई। वहीं, पिछले नौ महीने में यह दूसरा मौका है, जब भारतीय टीम पारी में 100 रन भी बनाने में नाकाम रही है।

पिछले साल दिसंबर में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एडिलेड में टीम दूसरी पारी में सिर्फ 36 रन पर सिमट गई थी, जो टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में उसका सबसे छोटा स्कोर था।

भारत का पिछले 34 साल में पहले दिन की पिच पर यह सबसे छोटा स्कोर है। भारतीय टीम पिछली बार पहले दिन की पिच पर 100 रन से कम के स्कोर पर 1987 में आउट हुई थी जब नई दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर वेस्टइंडीज ने दिलीप वेंगसरकर की अगुवाई वाली टीम को 75 रन पर समेट दिया था। 

फिर फिसड्डी साबित हुए विराट कोहली

कप्तान विराट कोहली एक बार फिर से फिसड्डी साबित हुए। कोहली सिर्फ सात रन ही बना पाए और एंडरसन का शिकार हुए। इंग्लैंड के स्टार पेसर जेम्स एंडरसन ने उन्हें बटलर के हाथों विकेट के पीछे कैच कराया। इसके साथ ही एंडरसन ने एक खास उपलब्धि भी अपने नाम कर ली।

उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली को सबसे ज्यादा बार आउट करने के ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन के रिकॉर्ड की बराबरी की। दोनों ने विराट कोहली को सात-सात बार आउट किया है। लायन ने 33 पारियों में तो एंडरसन ने 41 पारियों में यह कारनामा किया था।

इस सीरीज में यह दूसरी बार है जब एंडरसन ने कोहली को पवेलियन भेजा है। एंडरसन पहले ऐसे गेंदबाज भी हैं जिन्होंने कोहली को पांच बार सिंगल डिजिट के स्कोर पर आउट किया है।

विराट के सस्ते में आउट होने के साथ ही उनके शतक का इंतजार भी बढ़ गया। वह पिछले दो साल से अपने अंतरराष्ट्रीय शतक के लिए तरस रहे हैं। पिछली 10 पारियों में विराट का औसत भी 25 के नीचे चला गया है।

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