बच्ची को मिला इंसाफ: साढ़े चार महीने में ही दुष्कर्मी को सुनाई फांसी की सजा

प्रतीकात्मक तस्वीर

लखनऊ। उप्र के बुलंदशहर में आठ साल की बच्ची के साथ हुई दरिंदगी के मामले में आज गुरुवार को फैसला आ गया। करीब साढ़े चार महीने में ही अदालत ने फैसला सुनाते हुए बच्ची के साथ इंसाफ कर दिया है।

स्पेशल जज पोक्सो एक्ट डॉ. पल्लवी अग्रवाल ने बालिका की अपहरण के बाद दुष्कर्म कर हत्या के मामले में अभियुक्त को फांसी और अर्थदंड की सजा सुनाई है।

अभियुक्त ने घर पर पानी पीने आई बालिका को अगवा कर उससे दुष्कर्म करने के बाद हत्या कर शव को घर में ही गड्ढा खोदकर दबा दिया था।

विशेष अभियोजक सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि अनूपशहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की मूक बधिर बच्ची गत 25 फरवरी को खेत में कार्य करने गई थी।

बालिका प्यास लगने पर जंगल में बने एक मकान में लगे नल पर पानी पीने गई थी। वहीं से गायब हो गई। काफी तलाश करने के बाद परिजनों ने कोतवाली में गुमशुदगी की तहरीर दी थी।

पुलिस की खोजबीन के दौरान एक घर से गड्ढे में दबा हुआ बालिका का शव बरामद हो गया। बाद में पुलिस ने आरोपी हरेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की जांच में पता चला कि आरोपी हरेंद्र द्वारा बालिका को अगवा कर उसकी दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। मामले की सुनवाई स्पेशल जज पोक्सो एक्ट डॉ पल्लवी अग्रवाल के न्यायालय में हुई।

न्यायाधीश ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलीलों को सुनकर आरोपी हरेंद्र को दोषी पाया।

बृहस्पतिवार को न्यायाधीश ने अभियुक्त हरेंद्र को फांसी और 1.20 लाख रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। न्यायालय के फैसले को मृतका के परिजनों ने न्याय की जीत करार दिया है।

Back to top button