लखीमपुर हिंसा: आशीष मिश्रा की जमानत रद्द , एक हफ्ते में करना होगा सरेंडर

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को आज सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा। कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द कर दी है। उनको एक हफ्ते के अंदर सरेंडर करना होगा।
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार अप्रैल को सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनवाई पूरी करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जमानत दी थी, जिसको अब सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पीड़ित पक्ष का ध्यान नहीं रखा। पीड़ित पक्ष की सुनी नहीं गई। कोर्ट ने फैसला सुनाने के बाद मामले को नए सिरे से सुनवाई के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट को वापस भेज दिया है।
बता दें कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों द्वारा हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले को चुनौती दी गई थी। जस्टिस रमणा की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला चार अप्रैल को ही सुरक्षित रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के फैसले पर भी आपत्ति जताई थी जिसमें आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देने के लिए प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘अप्रासंगिक’ जानकारी को आधार माना गया था।
यूपी सरकार ने भी किया था जमानत का विरोध
यूपी सरकार ने भी शीर्ष अदालत में आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का पुरजोर विरोध किया था। हालांकि योगी सरकार वकील ने यह भी कहा था कि मामले से जुड़े गवाहों को व्यापक सुरक्षा प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा था कि आरोपी से गवाहों को हानि हो सकती है ऐसा कहना गलत है क्योंकि उन्होंने सभी की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं।
मृतकों के परिवार ने की थी अपील
लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों ने उच्च न्यायालय के जमानत आदेश पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी।
याचिका में कहा गया था कि यह फैसला कानून की नजर में सही नहीं है क्योंकि सरकार द्वारा कोई सार्थक और प्रभावी सहायता नहीं की गई है।
यह है पूरा मामला
बता दें कि ये मामला बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले में उप्र के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे के दौरान हुई हिंसा का है।
केशव प्रसाद के दौरे का कुछ किसान विरोध कर रहे थे जिस पर तेज स्पीड में एक एसयूवी कार चढ़ा दी गई थी और किसानों को कुचल दिया गया था।
हिंसा के बाद गुस्साए किसानों ने एक ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की कथित तौर पर पीट-पीट कर हत्या कर दी थी। आरोप है कि आशीष मिश्रा इस गाड़ी में सवार थे और उन्होंने ही ये साजिश के तहत किया था।