अपर्णा यादव से बहस कर लें अखिलेश, पता चल जाएगी योग्यता: सीएम योगी

yogi adityanath

लखनऊ। उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव को चुनौती दी है कि यदि वह खुद को योग्य मानते हैं तो अपर्णा यादव से बहस करके देख लें।

एक टीवी चैनल से बातचीत में अपर्णा यादव को भाजपा में लेने पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वह यादव परिवार की बहू बनने से पहले भी सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 20 से ज्यादा परिवार के सदस्य थे, लेकिन हमने अपर्णा यादव को ही लिया क्योंकि वह उनमें सबसे ज्यादा योग्य थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन सबमें अपर्णा यादव सबसे योग्य थीं, इसलिए हम भाजपा में ले आए। अखिलेश यादव यदि अपर्णा यादव से बहस कर लें तो पता चल जाएगा कि किसकी योग्यता ज्यादा है।’

खुद पर लग रहे ठाकुरवाद के आरोपों का भी सीएम ने बेबाकी से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मैं इसे लेकर हीनभावना में नहीं रहता हूं। गर्व है कि मैं क्षत्रिय कुल में पैदा हुआ और फिर संन्यास ले लिया।

उन्होंने कहा, ‘सच्चा क्षत्रिय तो वही है, जो छत्र बनकर गरीब, दीन दुखियों के कल्याण के लिए अपने जीवन को होम कर दे। उन लोगों की मानसिकता पर तरस आता है, जो मेरी जाति पर बात करते हैं।’

आदित्यनाथ ने कहा कि मुझे गर्व है कि मैं उच्च कुल में पैदा हुआ हूं। भारत का हर नागरिक ऐसे कुल में पैदा हुआ है। सीएम ने कहा कि भारत में हर व्यक्ति को अच्छे कुल का माना गया है।

ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई पर भी दिया जवाब

उन्होंने कहा कि महाभारत में भी कहा गया है कि भारत में जन्म लेना दुर्लभ है और उसमें भी मनुष्य के रूप में पैदा होना। योगी आदित्यनाथ ने ब्राह्मण बनाम ठाकुर की लड़ाई को भी गलत करार दिया।

उन्होंने कहा कि ऐसी कभी कोई लड़ाई रही ही नहीं। दूसरी पार्टी के नेताओं के भाजपा में आने पर चाल, चरित्र और चेहरा बदलने के सवाल पर सीएम योगी ने कहा कि आज भी हमारी नीति है कि कोई किसी का बेटा या बेटी है तो उस आधार पर हम उसे टिकट नहीं देते हैं।

अखिलेश और जयंत के दायरे से बाहर है अब चुनाव

अखिलेश और जयंत के गठबंधन को लेकर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी का चुनाव अब इन नेताओं के दायरे से बाहर हो गया है। जनता ही चुनाव लड़ रही है।

पूर्वांचल में भाजपा की संभावनाओं को लेकर सीएम ने कहा कि हम फिर से धूम-धड़ाके के साथ वापस आएंगे। पूर्वांचल के तमाम जिलों में कनेक्टिविटी से लेकर जनकल्याणकारी योजनाओं के तमाम काम हुए हैं। 

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