पीरियड्स में पार्टनर के साथ संबंध सही या गलत?

महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म से गुजरना पड़ता है। महिलाएं इस बात को लेकर कंफ्यूज रहती हैं कि इस दौरान संबंध बनाना चाहिए या नहीं। चलिए आपको बताते हैं कि पीरियड्स में संबंध बनाना सेफ है या नहीं।

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अक्सर पीरियड्स का असर कपल्स की सेक्स लाइफ पर पड़ता है। पीरियड्स के दौरान सेक्स में कुछ भी गलत नहीं है। हमारे समाज में माहवारी को लेकर तमाम समस्याएं हैं। ऐसे में कपल्स के मन में इससे जुड़े कई सवाल आते रहते हैं। जैसे कि सेहत के लिहाज से यह ठीक है कि नहीं, इसके क्या फायदे हैं और कहीं इसका कोई नुकसान तो नहीं है। अगर आप भी ऐसे ही सवालों से जूझ रहे हैं तो इस आर्टिकल में हम आपके लिए पीरियड्स के दौरान सेक्स से जुड़ी अच्छी-बुरी हर तरह की जानकारियां लेकर आएं हैं।

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पीरियड्स के दौरान संबंध बनाना चाहिए या नहीं?

पीरियड्स में शारीरिक संबंध बनाने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, पीरियड्स में यौन संबंध बनाने में कभी-कभी गड़बड़ हो सकती है। साथ ही पीरियड्स में संबंध बनाने से पहले टैम्पोन पहन रखा है तो उसे निकाल दें। पीरियड सेक्स के कई फायदे हैं। जैसे कि अगर आप इस दौरान सेक्स करती हैं तो आपको पीरियड में दर्द कम महसूस होता है।

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हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, उसी तरह पीरियड सेक्स के भी फायदे और नुकसान दोनों हैं। पीरियड सेक्स के दौरान आपको और आपके पार्टनर को ब्लड लग सकता है। यह शायद आपको या आपके पार्टनर को पंसद ना आए। डॉक्टर लॉरेन स्ट्रीचर कहती हैं कि यही इसका सबसे बड़ा निगेटिव पॉइंट है।


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आमतौर पर ओव्यूलेशन के 14 दिन (माहवारी के बाद व पहले के 7-7 दिन) कंसीव करने की संभावना अधिक होती है लेकिन पीरियड्स में गर्भधारण का रिस्क कम होता है। इस दौरान संबंध हनाने से शरीर में ऑक्सीटोसिन, एंडोर्फिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन्स का स्तर बढ़ जाता है, जिससे ऐंठन, तनाव, मूड़ स्विंग, पेट दर्द, सिरदर्द जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

सिर्फ शारीरिक सुख नहीं, एक व्यायाम भी

पार्टनर से संबंध सिर्फ शारीरिक सुख के लिए बल्कि सेहत के लिए भी अच्छा है। इससे कैलोरी बर्न होती है, जिससे वजन कंट्रोल में रहता है। साथ ही इससे महिलाओं की एक्सरसाइज भी हो जाती है, जिससे ब्लड फ्लो सही रहता है।

पीरियड्स में सेक्स करने के नुकसान:

इंफेक्शन का खतरा ज्यादा

एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान संबंध बनाने में कोई बुराई नहीं है लेकिन इससे संक्रमण का खतरा बहुत ज्यादा होता है। आमतौर पर योनि का pH स्तर 3.8 से 4.5 होता है लेकिन पीरियड्स में pH स्तर बढ़ जाता है। इससे यीस्ट इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। ऐसे में शारीरिक संबंध बनाते समय सेफ्टी व गर्भनिरोधक का इस्तेमाल जरूर करें।

हैवी ब्लीडिंग

पीरियड्स में संबंध बनाने से कुछ महिलाओं में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है। एक्सपर्ट के अनुसार, इस दौरान इंटरकोर्स से STI और HIV का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि सेफ्टी का इस्तेमाल करके आप इस जोखिम को कम कर सकते हैं। इस दौरान इंटरकोर्स करना बदबूदार हो सकता है। दरअसल, पीरियड्स ब्लड में एक बदबूदार गंध आती है, जो अजीब हो सकता है, खासकर गर्मियों में।

मासिक धर्म में औरतों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। ऐसे में अगर संबंध स्थापित किए जाए तो ल्यूब्रिकेशन की जरूरत नहीं होगी। वहीं, एक्सपर्ट की मानें तो इस दौरान संबंध बनाने से मासिक धर्म के लक्षणों जैसे ऐंठन, माइग्रेन और सिरदर्द को कम किया जा सकता है। पीरियड सेक्स करने का आपका निर्णय काफी हद तक आपके रिश्ते पर निर्भर करता है। इसलिए अपने पार्टनर को कम से कम इंफॉर्म जरूर कर दें, आमतौर पर इसे एक अच्छा इशारा माना जाता है।

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