उप्र में पानी की बूंद-बूंद सहेजेंगे 02 लाख से अधिक शासकीय और अर्धशासकीय भवन

roof top rain water harvesting

लखनऊ। उप्र में जल संचयन को बढ़ावा देने के लिये सरकार की ओर से बूंद-बूंद सहेजने का बड़ा अभियान चल रहा है। इसके तहत 06 प्रमुख शहरों में शासकीय और अर्धशासकीय भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना की जा रही है।

वर्षा जल के संचयन से प्रदेश के जनमानस को भविष्य में जल संकट से बचाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार ने लघु सिंचाई विभाग के जल जीवन मिशन को सौंपी है। जल संचयन की योजना को लगातार बढ़ावा देने के प्रयास किये जा रहे हैं।

मेरठ, बरेली, लखनऊ, प्रयागराज, गोरखपुर और झांसी में 219376 शासकीय और अर्धशासकीय भवनों में रूफ टॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग की स्थापना की जानी है।

इनमें से 207876 भवनों में जल संचयन के लिये हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित करने का काम प्रगति पर है। योजना के तहत इन सभी 06 शहरों में अब तक 11500 भवनों में हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा दिये हैं।

मुख्यमंत्री यागी आदित्यनाथ के निर्देशों के बाद जल संचयन अभियान में जन सहभागिता ने जन आंदोलन का रूप ले लिया है। लोगों ने जल बचाने के लिये घरों में हार्वेस्टिंग सिस्टमों की स्थापना करी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक स्थलों पर जल संचयन के विविध कार्य किए जा रहे हैं।

इसमें गांव के शासकीय विद्यालयों पर रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग  प्रणाली की स्थापना और लाभार्थी कृषक के खेत में तालाब, रिचार्ज पिट आदि कार्य शामिल हैं।

इसी कड़ी में महानगरों में सभी शासकीय, अर्धशासकीय भवनों में अनिवार्य रूप से रूफ टॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग प्रणाली की स्थापना का अभियान तेज गति से शुरू किया गया है।

वर्षा जल को बचाने के लिये बनाई गई कार्ययोजना की प्रगति पर नजर रखने के लिये जनपद स्तर पर अधिशासी अभियंताओं को नोडल अधिकारी नामित किया गया। जिलाधिकारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई।

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