विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट, स्वर्ण भंडार में भी हुई कमी

नई दिल्ली। देश का विदेशी मुद्रा भंडार 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में 29 करोड़ डॉलर घटकर 580.841 अरब डॉलर रह गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

इससे पहले 18 दिसंबर को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.563 अरब डॉलर बढ़कर 581.131 अरब डॉलर की सर्वकालिक रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया था। 

इसलिए आई गिरावट

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों (एफसीए) में कमी के कारण मुद्रा भंडार में कमी आई। विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, कुल विदेशी मुद्रा भंडार का अहम हिस्सा होती है।

रिजर्व बैंक के साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार समीक्षाधीन अवधि में एफसीए 25.3 करोड़ डॉलर घटकर 537.474 अरब डॉलर रह गईं। एफसीए को दर्शाया डॉलर में जाता है, लेकिन इसमें यूरो, पौंड और येन जैसी अन्य विदेशी मुद्राएं भी शामिल होती है। 

36.711 अरब डॉलर रह गया स्वर्ण भंडार

आंकड़ों के अनुसार 25 दिसंबर को समाप्त सप्ताह के दौरान देश का स्वर्ण भंडार मूल्य 30.8 करोड़ डॉलर घटकर 36.711 अरब डॉलर रह गया।

देश को अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ) में मिला विशेष आहरण अधिकार भी 40 लाख डॉलर घटकर 1.510 अरब डॉलर रह गया जबकि आईएमएफ के पास आरक्षित मुद्रा भंडार 27.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 5.145 अरब डॉलर हो गया।

क्या है विदेशी मुद्रा भंडार?

विदेशी मुद्रा भंडार देश के केंद्रीय बैंकों द्वारा रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, जिनका उपयोग जरूरत पड़ने पर देनदारियों का भुगतान करने में किया जाता है। पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार एक स्वस्थ अर्थव्यवस्था के लिए काफी महत्वपूर्ण होता है।

यह आयात को समर्थन देने के लिए आर्थिक संकट की स्थिति में अर्थव्यवस्था को बहुत आवश्यक मदद उपलब्ध कराता है।

इसमें आईएमएफ में विदेशी मुद्रा असेट्स, स्वर्ण भंडार और अन्य रिजर्व शामिल होते हैं, जिनमें से विदेशी मुद्रा असेट्स सोने के बाद सबसे बड़ा हिस्सा रखते हैं।

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