Delhi News: फिलहाल जेल में ही रहेंगे केजरीवाल, कोर्ट ने नोटिस जारी कर ED से माँगा जवाब

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट ने बढ़ा दी। कोर्ट ने ED को नोटिस जारी करते हुए ED को 24 अप्रैल तक जवाब दाखिल कर जवाब देने को कहा है। वही केजरीवाल ED की ओर से पेश दलीलों पर 27 अप्रैल तक जवाब दाखिल कर सकेंगे।

इमेज क्रेडिट: सोशल मीडिया

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशायल यानी ED को नोटिस जारी किया है. 15 अप्रैल को केजरीवाल की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. केजरीवाल ने दिल्ली की नई शराब नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है. केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में चुनाव प्रचार का हवाला दिया. अगली सुनवाई जल्द किए जाने की अपील की. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 29 अप्रैल से पहले इस मामले की अगली सुनवाई संभव नहीं है.

सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय यानी ED से 24 अप्रैल तक जवाब मांगा है. वहीं केजरीवाल को तीन दिन यानी 27 अप्रैल तक का समय रिजॉयन्डर यानी प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दिया है. इस तरह सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर 29 अप्रैल से शुरू होने वाले हफ्ते में फिर से सुनवाई होगी.

सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को भेजा नोटिस
बता दें, केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड को कोर्ट में चुनौती दी है। आज सुप्रीम कोर्ट में इस पर सुनवाई हुई। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने ईडी को 24 अप्रैल या उससे पहले अपना जवाब दाखिल करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सीएम की याचिका फिलहाल 29 अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टाल दी है। अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि दिल्ली सीएम को प्रचार से वंचित करने के लिए गिरफ्तारी की गई थी।

21 मार्च को हुई थी केजरीवाल की गिरफ्तारी
अरविंद केजरीवाल के अलावा आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया भी आबकारी नीति मामले में पिछले साल फरवरी से जेल में हैं। मामले में संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था, हालांकि वह हाल ही में जमानत पर जेल से बाहर आए हैं। ईडी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च की शाम दो घंटे की पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वह हिरासत में हैं।

क्या है आबकारी नीति मामला?
सीबीआई और ईडी ने दिल्ली सरकार पर आबकारी नीति को संशोधित करते समय अनियमितता करने और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ दिए जाने का आरोप लगाया है। इस नीति से सरकारी खजाने को 144.36 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। मामले में एलजी ने 22 जुलाई 2022 को नियमों के उल्लंघन और प्रक्रियात्मक खामियों को लेकर सीबीआई जांच किए जाने की सिफारिश की थी।

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