उप्र चुनाव 2022: भाजपा के इस फार्मूले से बदल सकते हैं 150 से अधिक प्रत्याशी

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लखनऊ। देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज़ होना हर राजनीतिक दल का सपना होता है क्योंकि दिल्ली का रास्ता यहीं से होकर जाता है।

केंद्र में सत्तासीन भारतीय जनता पार्टी इस समय उप्र में भी प्रचंड बहुमत की सरकार चला रही है।इसीलिए उप्र में पुनः सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा फूंक फूंक कर कदम रख रही है।

इसी क्रम में पार्टी ने 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण का नया फार्मूला तय कर लिया है।

पार्टी के इस फार्मूले के अनुसार अगर टिकट वितरण हुआ तो 2022 में 150 से अधिक उम्मीदवार बदल जाएंगे। इनमें 2017 में चुनाव जीते और हारे उम्मीदवार शामिल है।

सूत्रों के मुताबिक साढ़े चार वर्ष तक संगठन व सरकार की गतिविधियों में निष्क्रिय रहने वाले विधायकों का टिकट कटेगा।

वहीं, साढ़े चार वर्ष में समय-समय पर अनर्गल बयानबाजी कर संगठन व सरकार को कठघरे में खड़ा करने वाले विधायकों पर भी गाज गिरेगी।

70 वर्ष की उम्र पार कर चुके, विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारी से जूझ रहे विधायकों का टिकट भी कटेगा।

पार्टी का मानना है कि जिन विधायकों से स्थानीय जनता, कार्यकर्ता व संगठन पदाधिकारी नाराज है उनकी जगह नए चेहरे को मौका देने से फायदा होगा।

जिन विधायकों पर समय-समय पर अलग-अलग तरह के आरोप लगते रहे हैं उन विधायकों को भी टिकट देने से पार्टी परहेज करेगी।

विधानसभा चुनाव 2017 में ज्यादा अंतर से हारे उम्मीदवारों को भी पुन: मैदान में उतारने का जोखिम मोल लेने से भी पार्टी बचेगी।

नड्डा से लेकर मुख्यमंत्री योगी तक जुटे

सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशी चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ओर से सर्वे कराया जा रहा है। गृहमंत्री अमित शाह के स्तर पर भी विभिन्न एजेंसी के जरिये सर्वे कराया जा रहा है।

इधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जिलों का दौरा कर चुनावी फीडबैक लेने के अलावा विभिन्न तरीकों से सर्वे करा रहे हैं।

फूंक-फूंककर कदम रखेगी भाजपा

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने 50 प्रतिशत से अधिक वोट बैंक के साथ 350 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।

इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए भाजपा उम्मीदवारों के चयन में फूंक-फूंक कर कदम रखेगी। एक-एक सीट पर चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाते हुए प्रत्याशी चयन किया जाएगा।

पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रत्याशी चयन के लिए हर संगठनात्मक जिले से उनके क्षेत्राधिकार की सीटों पर तीन-तीन नामों का पैनल मंगाया जाएगा। वहीं, क्षेत्रीय टीमों से भी तीन-तीन नामों का पैनल मंगाया जाएगा।

क्षेत्र व जिलों से आए पैनल पर मंथन कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी धर्मेन्द्र प्रधान, भाजपा के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य,

उप-मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा और महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल की कमेटी तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करेगी।

कमेटी की ओर से हर सीट के लिए वरीयता के क्रम में दो से तीन नाम का पैनल तैयार कर पार्टी के संसदीय बोर्ड के समक्ष रखा जाएगा।

संघ की राय भी रहेगी अहम

पार्टी सूत्रों के मुताबिक भाजपा के प्रत्याशी चयन में आरएसएस की राय भी अहम रहेगी। संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले और सह सरकार्यवाह कृष्ण गोपाल लगातार प्रदेश में प्रवास कर भाजपा के लिए चुनावी जमीन मजबूत कर रहे है।

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