उप्र सरकार सभी नागरिकों को प्रदान करेगी कोरोना वैक्सीन का सुरक्षा कवर
लखनऊ। कोरोना से बचाव के लिए उप्र सरकार द्वारा सभी नागरिकों को वैक्सीन का सुरक्षा कवर प्रदान किया जा रहा है। उप्र सर्वाधिक टीकाकरण करने वाला राज्य है। अब तक 1,37,22,160 डोज लगाए जा चुके हैं।
18-44 आयु वर्ग के 1,17,327 लोगों को वैक्सीनेट किया जा चुका है। अब सोमवार से 11 नए जिलों सहित कुल 18 जनपदों में 18-44 आयु वर्ग के लोगों का टीकाकरण संचालित होगा।
वैक्सीन वेस्टेज को शून्य रखने के लक्ष्य के दृष्टिगत टीकाकरण के लिए ऑनलाईन पंजीयन व्यवस्था के साथ ही संबंधित लोगों से एक-दो दिन पूर्व संपर्क कर लिया जाए। लोगों के उत्साहवर्धन के लिए जनप्रतिनिधि गण भी टीकाकरण केंद्रों पर व्यवस्था का निरीक्षण करें।
भविष्य की चुनौतियों के दृष्टिगत चिकित्सकीय मानव संसाधन की उपलब्धता के लिए नियोजित प्रयास किए जा रहे हैं।
मेडिकल/पैरामेडिकल अंतिम वर्ष, इंटर्न, प्रशिक्षण पूर्ण कर चुके युवा, सेवानिवृत्त अनुभवी लोगों की सेवाएं ली जानी चाहिए।
इस संबंध में चयन एवं नियुक्ति की प्रक्रिया एक सप्ताह में पूर्ण कर लिया जाए। चिकित्सा शिक्षा मंत्री स्तर से इसकी विस्तृत समीक्षा कर ली जाए।
प्रदेश में रेमेडेसीवीर सहित जीवनरक्षक मानी जा रही सभी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है। भारत सरकार ने 16 मई तक के लिए 04 लाख 95 हजार वॉयल आवंटित किए गए हैं।
सरकारी कोविड अस्पतालों में यह इंजेक्शन पूर्णतः निःशुल्क है। निजी अस्पतालों को जरूरत के अनुसार डीएम/सीएमओ द्वारा इसकी उपलब्धता कराई जा रही है।
सभी जिलाधिकारी और सीएमओ यह सुनिश्चित करें कि जब भी किसी मरीज को यह इंजेक्शन दिया जाए तो वहां नर्सिंग स्टाफ के साथ-साथ एक चिकित्सक भी उपस्थित हो। इस जीवनरक्षक दवा की मांग, आपूर्ति और खपत का पूरा विवरण रखा जाए।
कोविड संक्रमण से ग्रस्त ज्यादातर लोग समुचित चिकित्सकीय परामर्श से होम। आइसोलेशन में रहते हुए ही स्वस्थ हुए हैं। बहुत कम संख्या ऐसी है जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत होती है।
होम आइसोलेशन में उपचाराधीन लोगों को मेडिकल किट समय से उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करें। कतिपय जिलों में स्थिति में सुधार की बहुत आवश्यकता है।
आइसीसीसी और सीएम हेल्पलाइन हर दिन ऐसे मरीजों से संवाद स्थापित करे। होम आइसोलेशन के मरीजों के लिए टेलीकन्सल्टेशन व्यवस्था को और बेहतर किए जाने की जरूरत है।
कोविड और नॉन कोविड मरीजों के लिए सभी जिलों में एम्बुलेंस की व्यवस्था की गई है। 108 सेवा की 75 फीसदी एम्बुलेंस कोविड के लिए आरक्षित है। इसी प्रकार शव वाहन भी लगाए गए हैं।
अंत्येष्टि की क्रिया पूरे सम्मान के साथ निःशुल्क कराई जाए। जनहित से जुड़ी इस व्यवस्था की सतत मॉनीटरिंग करने की आवश्यकता है। निजी एम्बुलेंस की श्रेणीवार दरें तय कर प्रभावी ढंग से लागू कराया जाए।
स्वच्छता, सैनिटाइजेशन तथा फागिंग कार्य युद्ध स्तर पर किया जाए। इसके लिए फायर विभाग के वाहनों का भी उपयोग किया जाए। मास्क के अनिवार्य उपयोग के सम्बन्ध में प्रवर्तन की कार्यवाही प्रभावी ढंग से जारी रखी जाए।
शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में निगरानी समिति पूरी सक्रियता से कार्य करें। औद्योगिक इकाइयों में कोविड प्रोटोकाल का पालन कराते हुए गतिविधियां संचालित की जाएं।