पूर्वांचल में जल जनित व संचारी रोगों के रोकथाम पर हुआ मंथन

गोरखपुर। पूर्वांचल के गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय बेबीनार एवं संगोष्ठी में गुरुवार को सामाजिक क्षेत्र के प्रथम तकनीकी सत्र में की अध्यक्षता प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जयप्रताप सिंह ने की। 

सत्र के दौरान कुल छह पेपर प्रस्तुत किए गए हैं, जिसमें रोगों, इसके प्रसार और समाधान से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई है। वक्ताओं ने जल जनित रोगों, संचारी रोगों और उनके समाधान पर अपनी बात केंद्रित की।

वक्ताओं में सीएसाईएमयू, कानपुर की कुलपति प्रो नीलिमा गुप्ता, सीएसआईआर, सीसीआईआर, लखनऊ से डॉ नीति कुमार, गोरखपुर विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग के प्रो वीएन पांडेय शामिल रहे।

सत्र के मुख्य मुद्दे वेक्टर और जल जनित रोगों और इसके निवारक उपायों के बारे में जागरूकता की कमी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का सुदृढ़ीकरण,

इन बीमारियों से बचाव के लिए लोगों की सक्रिय भागीदारी, स्थानीय स्तर पर पौधों की जैव विविधता को बढ़ावा देना रहा।

विभिन्न विद्वानों द्वारा वैकल्पिक सुझाव दिया गया कि लोगों में जागरूकता फैलाने और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय शासी निकायों को भी जिम्मेदार बनाया जाना चाहिए।

इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य क्षेत्र में कई मजबूत प्रक्रियाओं को लागू किया जाना चाहिए जैसे कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार करना

ताकि मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का भार कम हो। सत्र की सह अध्यक्षता गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग के प्रो आरपी सिंह ने की।

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