नारदा घोटाला: हाउस अरेस्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंची सीबीआई, आदेश पर रोक की मांग

narda scam culprit TMC leader

नई दिल्ली/कोलकाता। पश्चिम बंगाल के नारदा घोटाला मामले में तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं के हाउस अरेस्ट करने के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

सीबीआई ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक की मांग की जिसमें फिरहाद हाकिम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी व शोवन चटर्जी को हाउस अरेस्ट में भेजा गया था। सीबीआई ने हाईकोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई को टालने की मांग भी की है।

बता दें कि कलकत्ता हाईकोर्ट ने अपने फैसले में तृणमूल कांग्रेस के चारों नेताओं को हाउस अरेस्ट रहने का आदेश दिया था। यह फैसला कलकत्ता हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल और न्यायमूर्ति अरिजीत बनर्जी की पीठ ने सुनाया। हालांकि फैसले को लेकर पीठ में आम सहमति नहीं दिखी। 

हाईकोर्ट ने टीएमसी के दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम और तृणमूल कांग्रेस विधायक मदन मित्रा एवं कोलकाता के पूर्व मेयर शोबन चटर्जी को जमानत दे दी थी। हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अंतरिम जमानत दी गई, लेकिन चारों हाउस अरेस्ट में रहेंगे।

क्या है नारदा घोटाला?

साल 2016 में बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले नारदा स्टिंग टेप का खुलासा किया गया था। ऐसा दावा किया गया था कि ये टेप साल 2014 में रिकॉर्ड किए गए थे।

इसमें टीएमसी के मंत्री, सांसद और विधायक और कोलकाता के मेयर को कथित रूप से एक काल्पनिक कंपनी के प्रतिनिधियों से रकम लेते दिखाया गया था।

यह स्टिंग ऑपरेशन नारदा न्यूज पोर्टल के सीईओ मैथ्यू सैमुअल ने किया था। साल 2017 में कलकत्ता हाईकोर्ट ने इन टेप की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था।

Back to top button