फिलीपींस पर हमला हुआ तो चीन को करना होगा अमेरिकी कार्रवाई का सामना

वाशिंगटन। बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के दक्षिण चीन सागर में चीन के लगभग सभी महत्वपूर्ण समुद्री दावों को खारिज किए जाने को बरकरार रखा।
बाइडेन प्रशासन ने चीन को यह भी चेतावनी दी है कि फ्लैशप्वाइंट क्षेत्र में फिलीपींस पर कोई भी हमला हुआ तो आपसी रक्षा संधि के तहत अमेरिका की कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले की पांचवीं वर्षगांठ से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने फिलीपींस के पक्ष में बयान दिया है।
अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण का फैसला स्प्रैटली द्वीप समूह और पड़ोसी चट्टानों और शोल के आसपास चीन के समुद्री दावों के खिलाफ है। मगर चीन इस फैसले को खारिज करता है।
पिछले साल ट्रम्प प्रशासन ने अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले का पक्ष लिया था और कहा था कि अमेरिका दक्षिण चीन सागर में लगभग सभी चीनी समुद्री दावों को नाजायज मानता है।
रविवार का बयान उस स्थिति की पुष्टि करता है, जिसे ट्रम्प के राज्य सचिव माइक पोम्पिओ ने निर्धारित किया था।
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने पोम्पिओ के मूल बयान का हवाला देते हुए कहा संयुक्त राज्य अमेरिका दक्षिण चीन सागर में समुद्री दावों के संबंध में अपनी 13 जुलाई, 2020 नीति की पुष्टि करता है।
हम यह भी पुष्टि करते हैं कि दक्षिण चीन सागर में फिलीपीन सशस्त्र बलों, सार्वजनिक जहाजों या विमानों पर एक सशस्त्र हमला अमेरिका की आपसी रक्षा प्रतिबद्धताओं को लागू करेगा।
1951 की यूएस-फिलीपींस आपसी रक्षा संधि का अनुच्छेद IV दोनों देशों को हमले की स्थिति में एक-दूसरे की सहायता के लिए आने के लिए बाध्य करता है।
चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है और इस क्षेत्र में अमेरिकी सेना की किसी भी कार्रवाई का नियमित रूप से विरोध करता है।
