भारत ने संयुक्त राष्ट्र में उठाया जम्मू में ड्रोन हमले का मामला, कहा- भविष्य में बड़ा खतरा

न्यूयॉर्क। जम्मू में भारतीय वायु सेना स्टेशन पर हुए दो ड्रोन हमले के एक दिन बाद भारत ने यह मुद्दा संयुक्त राष्ट्र महासभा में उठाया।
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत कहा कि सामरिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए हथियारबंद ड्रोन का इस्तेमाल को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। यह भविष्य में बड़ा खतरा साबित हो सकता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि रणनीतिक और वाणिज्यिक संपत्तियों के खिलाफ हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल पर ध्यान देने की जरूरत है। सीमा पार से हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का उपयोग करने वाले आतंकवादियों को देखा है।
आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए ड्रोन का हथियार के तौर पर इस्तेमाल को अभी गंभीरता से नहीं लिया गया, तो भविष्य में इस पर लगाम लगाना मुश्किल हो जाएगा।
आतंकी भिड़ा रहे नई-नई जुगत
संयुक्त राष्ट्र महासभा में सदस्य देशों के आतंकवाद-रोधी एजेंसियों के प्रमुख के दूसरे उच्च स्तरीय सम्मेलन में गृह मंत्रालय के विशेष सचिव (आंतरिक सुरक्षा) वीएसके कौमुदी ने कहा, ”आज आतंकवाद के प्रचार और कैडर की भर्ती के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया का दुरुपयोग हो रहा है।
आतंकवाद के वित्तपोषण के लिए नई भुगतान विधियों और क्राउडफंडिंग प्लेटफार्मों का इस्तेमाल हो रहा है और आतंकी अब हमलों को अंजाम देने के लिए ड्रोन तकनीकी का भी इस्तेमाल कर रहे हैं।”
सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी चुनौती ड्रोन हमले
विशेष सचिव कौमुदी ने कहा कि कम लागत वाला विकल्प होने के कारण आतंकी ड्रोन का तेजी से इस्तेमाल कर रहे हैं और यह आसानी से उपलब्ध है।
ड्रोन के जरिये आतंकी हथियार या विस्फोटक एक जगह से दूसरे जगह तक आसानी से भेज रहे हैं, यह दुनिया भर में सुरक्षा एजेंसियों के लिए खतरा और चुनौती बन गया है।
